शनिवार, 30 मई 2020

लघुकथा - कोरोना मरीजों के सैम्पल


लघुकथा

कोरोना मरीजों के सैम्पल

मेरठ में बंदरों की सरकार की एक आवश्यक बैठक कोरोना महामारी के सन्दर्भ में आयोजित की गयी। कल्लू बन्दर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि कोरोना महामारी मनुष्यों में फ़ैल रही है। खतरा इस बात का है कि कहीं यह महामारी बंदरों में न फ़ैल जाए। इसके लिए हमें सचेत और सावधान रहना है। मन्कु बन्दर अपना सचिवीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बोला कि चिंता की कोई बात नहीं है। हम अध्यक्ष जी और सभी बंदरों को विश्वास दिलाते हैं कि महामारी से निपटने के लिए कोई कसर हम नहीं छोड़ेंगे। हम इस सम्बन्ध में अपनी प्रयोगशाला में आवश्यक टेस्ट कर रहे हैं। हमने पिछले सप्ताह ही डॉ. चातकु बन्दर और उसकी टीम को यह दायित्व सौंपा था कि वे कहीं से कोरोना मरीजों के ब्लड सेम्पल उपलब्ध कर आवश्यक टेस्ट करे ताकि इस बीमारी को बंदरों में फैलने से रोका जा सके। इस सम्बन्ध में डॉ. चातकु बन्दर का कहना था कि अभी तक यह बीमारी बंदरों में नहीं फ़ैली है, फिर भी हम कोरोना मरीजों के मानवीय ब्लड सेम्पल एकत्रित करने का प्रयत्न कर रहे थे। मन्कु बन्दर ने कहा कि हमें डॉ. चातकु बन्दर और उसकी टीम पर गर्व है कि उनका समूह कल ही स्थानीय मेडिकल कॉलेज से कोरोना मरीजों के तीन ब्लड सेम्पल एक स्वास्थ्यकर्मी से छीनकर भाग आया है, जो इन्हे बायोकेमिस्ट्री लैब में लेकर जा रहा था। यह सब सुनते ही सारे बन्दर ताली बजाने लगे और कल्लू बन्दर, मन्कु बन्दर और डॉ. चातकु बन्दर जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। अब सभी बंदरों को यह विश्वास है कि कोरोना महामारी से बचाव का रास्ता उनकी सरकार अवश्य ढूँढ लेगी।

कहानीकार लेखक - केशव राम सिंघल ©

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डिस्क्लेमर - यह कहानी कहानीकार लेखक की कल्पना के आधार पर लिखी गई है। किसी भी घटना से इस कहानी की कोई भी प्रासंगिकता होना एक संयोग है।

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