रविवार, 6 फ़रवरी 2022

बजट में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कुछ स्पष्टता पर डिजिटल रूपये को महत्त्व

 बजट में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कुछ स्पष्टता पर डिजिटल रूपये को महत्त्व

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भारत में आभासी डिजिटल सम्पत्तियों सहित क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन) एक अनिश्चितता के साथ झूल रही थी। यह संभावना बहुत अधिक थी कि सरकार संसद में क्रिप्टोकरेंसी पर रोक के लिए विधेयक पेश करेगी, जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक शुरू से ही बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने के पक्ष में नहीं था और इसी कारण आभासी डिजिटल परिसंपत्ति आर्थिक वातावरण पर एक व्यापक प्रतिबन्ध का खतरा मंडरा रहा था। वित्त मंत्री ने आभासी डिजिटल संपत्ति से आय अर्जित करने वालों पर 30 प्रतिशत की दर से भारी कर का बोझ लगा कर इस ओर समर्थन करने के लिए अपनी अनिच्छा दर्शाते हुए क्रिप्टोकरेंसी  की वैधता को चतुराई से दरकिनार कर दिया है।

 

1 फरवरी 2022 को वित्त विधेयक 2022 में "आभासी डिजिटल संपत्ति के कराधान के लिए योजना" (Scheme for taxation of virtual digital asset) पेश किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 का बजट पेश करते हुए वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर टैक्स लगाने की योजना बताई। उन्होंने कहा, "आभासी डिजिटल संपत्ति में लेनदेन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इन लेन-देन के परिमाण और आवृत्ति ने एक विशिष्ट कर व्यवस्था प्रदान करना अनिवार्य बना दिया है। तदनुसार, आभासी डिजिटल संपत्ति के कराधान के लिए, मैं यह प्रस्ताव करती हूँ कि किसी भी आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा।"

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केंद्रीय वित्त मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा, "अधिग्रहण की लागत को छोड़कर ऐसी आय की गणना करते समय किसी भी व्यय या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली हानि को किसी अन्य आय के विरुद्ध समायोजित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, लेन-देन के विवरण प्राप्त करने के लिए, मैं एक मौद्रिक सीमा से ऊपर इस तरह के प्रतिफल के 1 प्रतिशत की दर से आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर टीडीएस प्रदान करने का भी प्रस्ताव करती हूँ। आभासी डिजिटल संपत्ति के उपहार पर प्राप्तकर्ता के हाथों कर लगाने का भी प्रस्ताव है।"

 

विधेयक में क्रिप्टोकरेंसी जैसी आभासी डिजिटल करेंसी को संपत्ति के रूप में जोड़ा गया है। जैसा कि आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर हुई आय पर 30 प्रतिशत की उच्च दर से कर लगाने का प्रस्ताव है। यहाँ यह भी ध्यान देने वाली बात है कि ऐसी परिसंपत्ति से होने वाली किसी भी आय की गणना के लिए अधिग्रहण की लागत के अलावा किसी भी अन्य कटौती की अनुमति नहीं होगी। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि बिना किसी प्रतिफल के, उदाहरण के लिए उपहार के माध्यम से, हस्तांतरित ऐसी किसी भी संपत्ति के प्राप्तकर्ता पर कर लगाने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने अपने प्रस्तावों में यह भी कहा है कि आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली किसी भी हानि को आय के किसी अन्य स्रोत के विरुद्ध समायोजित नहीं किया जा सकता। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT – Central Board of Direct Taxes) ने भी आभासी डिजिटल परिसम्पत्तियों के कराधान के सम्बन्ध में और अन्य दिशानिर्देश जारी करने की योजना बनाई है, ताकि जो कुछ छूट गया है, उसे शामिल किया जा सके। 

 

आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर उसे हासिल करने के लिए भुगतान करने वाले व्यक्ति को 1 प्रतिशत की दर स्रोत पर कर (TDS) काटने के लिए उत्तरदायी होगा। हालांकि जो व्यक्ति टैक्स ऑडिट के अधीन नहीं हैं, उन्हें स्रोत पर कर (TDS) अनुपालन करने से छूट दी गयी है, यदि अधिग्रहण आभासी डिजिटल संपत्ति का मूल्य 50,000 रूपये से कम है। ऐसे मामलों में जहाँ आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के लिए भुगतान पूरी तरह से वस्तु के रूप में है या कोई अन्य आभासी डिजिटल संपत्ति के रूप में है, तब भी स्रोत पर कर काटने (TDS) का दायित्व भुगतान करने वाले व्यक्ति पर है।

 

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में सेन्ट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल रुपया जारी करने का प्रस्ताव किया है। इस प्रकार भारत सरकार ने ब्लॉकचेन-संचालित डिजिटल रुपया जारी करने के प्रस्ताव से अपने को ब्लॉकचेन तकनीक में डुबो दिया है। ब्लॉकचेन-संचालित डिजिटल रुपया भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2022-23 के दौरान जारी किए जाने की उम्मीद है। हालांकि भारत सरकार का यह कदम उन्नत प्रौद्योगिकी के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है और इस प्रकार देश को नवाचार के लिए अगली पंक्ति में रखता है, लेकिन यह उत्साह केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाने वाले डिजिटल रुपये तक ही सीमित रहेगा और निश्चित रूप से अन्य क्रिप्टोकरेंसी के लिए भारत सरकार की किसी उत्साह-भावना को नहीं दर्शाता है। इससे ऐसा लगता है कि भारत सरकार डिजिटल रूपये को तो बढ़ावा देना चाहती है, पर अन्य क्रिप्टोकरेंसी के प्रसार को रोकना चाहती है।

 

- केशव राम सिंघल

साभार -

- वित्त मंत्री का बजट भाषण 

- इकोनॉमिक टाइम्स 

 

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