गुरुवार, 4 जनवरी 2018

विश्व ब्रेल दिवस


*विश्व ब्रेल दिवस*

लुई ब्रेल के जन्मदिन की स्मृति में हर साल चार जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है। लुई ब्रेल का जन्म 04 जनवरी 1809 तथा निधन 06 जनवरी 1852 को हुआ था। लुई ब्रेल को ब्रेल भाषा की खोज के लिए श्रेय दिया जाता है। ब्रेल भाषा नेत्रहीन लोगों को पढ़ने और लिखने में मदद करता है।

लुई ब्रेल फ्रांस में पैदा हुए थे। तीन साल की आयु में वे गलती से अंधे हो गए थे. नेत्रों की रोशनी चले जाने के बावजूद उन्हें पढ़ने और लिखने में सक्षम होने की एक इच्छा थी। 15 साल की उम्र में उसने कागज के एक टुकड़े पर उठाए गए बिंदु बनाकर प्रतीकों का एक सेट विकसित किया, जिन्हें डॉट्स के रूप में आसानी से हाथ से महसूस किया जा सकता है। इस तरह डॉट्स पर हाथ के स्पर्श से ब्रेल भाषा विकसित हुई, जिससे नेत्रहीन लोगों का पढ़ना और लिखना संभव हो सका।



लुई ब्रेल द्वारा विकसित भाषा को आज ब्रेल भाषा के रूप में जाना जाता है। लुई का काम केवल वर्ण-माला (अक्षरों) तक सीमित नहीं था, वे संगीत के प्रति भी भावुक थे और अपने जीवन के उत्तरार्द्ध में उन्होंने संगीत के लिए ब्रेल भाषा भी विकसित की। संगीत के लिए भाषा विकसित करते समय, उन्होंने एक लचीलापन बनाए रखने के लिए एक बिंदु बनाया जिससे कि दुनिया भर में लगभग किसी भी संगीत वाद्ययंत्र को अनुकूलित किया जा सके।

लुई ब्रेल के प्रयासों को मान्यता देने के लिए हर साल विश्व ब्रेल दिवस चार जनवरी को मनाया जाता है। उनकी सरल और प्रभावी खोज ने नेत्रहीन लोगों को पढ़ना और लिखना संभव बनाया। विश्व ब्रेल दिवस के बारे में लोगों को अपेक्षाकृत कम जानकारी है, हालांकि नेत्रहीन लोगों के लिए काम करने वाले व्यक्तियों के लिए यह महान महत्व का दिन है। लुई ब्रेल जन्मद्विशती के अवसर पर भारत सरकार ने 2009 में पांच रुपये का डाक टिकट भी जारी किया था।

लुई ब्रेल को शत-शत नमन !

- केशव राम सिंघल

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