प्रकाशमय हो सारा संसार …
चारो ओर फैला अंधेरा है,
आओ कोशिश करे इस अंधेरे को हरने की,
आओ एक दीप हम जलाएँ, एक दीप तुम जलाओ,
कुछ अंधेरा हम हरें, कुछ तुम हरो …
शुभकामनाओं के साथ,
आपका,
केशव सिंघल
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अपनी बात अभिव्यक्त करने का प्रयास, चाहे वे आपके विचारों से भिन्न ही क्यों ना हों .... पाठकों की टिप्पणी का स्वागत है, पर भाषा शालीन हो, इसका निवेदन है .... - केशव राम सिंघल, अजमेर, भारत.
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nice
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