रविवार, 25 अप्रैल 2021

चिड़िया मुझसे बोली

चिड़िया मुझसे बोली 


आज एक चिड़िया उड़ती हुई मेरी खिड़की की ओर आई, पास की मुंडेर पर बैठ गई और फिर धीरे से चहचहाते मुझसे बोली - "कैसे हो? अभी तक तुम परिंदों को कैद करते रहे। अब तुम्हें कैसा लग रहा है जब एक अदृश्य जीव ने तुम्हें कैद कर रखा है? निरुत्तर सा मैं उसे देख रहा था, यकायक फिर चहचहाई - "दूर कहीं मुझे है जाना, आकाश की ऊँचाई मुझे है नापना।" और फुर्र से उड़ गई।

- केशव राम सिंघल



चित्र साभार - इंटरनेट

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