रविवार, 7 मार्च 2021

*कोविड-19 टीकाकरण अभियान की बाधाएँ*

*कोविड-19 टीकाकरण अभियान की बाधाएँ*

 

देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान 16 जनवरी 2021 से शुरू हुआ था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई। अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों का टीकाकरण 2 फरवरी 2021 से शुरू हुआ। कोविड-19 टीकाकरण अभियान का अगला चरण 1 मार्च 2021 से शुरू हुआ है और इस दौरान 60 साल से ज्यादा उम्र वाले और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित 45 साल की उम्र से ज्यादा के लोगों को टीका दिया जा रहा है। कोविड-19 वैक्सीन प्राप्त करने के लिए लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, टीका लगाने वालों की संख्या में कमी अधिकांश शहरों में वैक्सीनेटर केंद्रों में अराजकता को बढ़ा रही है। अस्पतालों में लगी लंबी कतारों और भौतिक दूरी की कमी ने टीकाकरण कार्यक्रम के दूसरे चरण में शुरुआत से ही बाधा पहुँचाई है। कुछ कारण निम्न हैं -

 

- अभियान में शामिल केंद्र सरकार का को-विन (Co-Win) पोर्टल अधिकांश लोगों के पंजीकरण और अस्पतालों के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हुआ है। यह पोर्टल यूजर फ्रेंडली नहीं है। बहुत से लोग इस पोर्टल पर पंजीकरण कराना चाह रहे हैं, पर पोर्टल पर आसानी से पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं।

 

- ऑनलाइन पंजीकरण में काफी समय लग रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि पंजीकरण कराने वालों की बहुत अधिक संख्या होने के कारण पोर्टल सीमित पंजीकरण ही कर पा रहा है।

 

- अस्पतालों में स्लॉट की सीमित संख्या है। टीकाकरण का एक सत्र 200 तक सीमित हैं, फिर भी पोर्टल में पंजीकरण के लिए कोई सीमा नहीं प्रतीत होती है, इच्छुक व्यक्ति कभी भी पंजीकरण करा सकता है। पोर्टल द्वारा टीकाकरण का विशिष्ट समय रेखांकित नहीं किया जाता।

 

- कुछ वरिष्ठ नागरिक बिना पंजीकरण कराए भी अस्पताल पहुँच रहे हैं। इस कारण अस्पतालों में भीड़ बढ़ रही है।

 

- कुछ अस्पतालों ने अपनी ओर से टोकन सिस्टम लागू कर दिया है। इस लेख का लेखक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जब अस्पताल पहुंचा तो उसे टोकन पकड़ा दिया गया और वहाँ पांच घंटे इंतज़ार के बाद टीकाकरण का नंबर आया। हालांकि अस्पताल के कर्मचारियों का रवैया बहुत ही सहयोगात्मक रहा और उन्होंने सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए टीकाकरण के लिए आने वाले लोगों के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था की थी।

 

ऑनलाइन पंजीकरण सिस्टम में सुधार की बहुत जरुरत है। इस पोर्टल पर पासपोर्ट नियुक्ति प्रणाली (Passport Appointment System) का उपयोग किया जाना चाहिए और पंजीकृत व्यक्ति को स्पष्ट समय अवधि की जानकारी रजिस्ट्रेशन कन्फर्मेशन में दी जानी चाहिए, ताकि लोगों को अस्पताल में लंबे समय तक इंतजार करने की आवश्यकता हो।

 

आशा करते हैं कि भारत सरकार का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इस ओर विशेष कदम उठाएगा।

 

जय हिन्द ! जय भारत !!

 

- केशव राम सिंघल

 

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