जीवन में गुणवत्ता सुधार -
अपनी रसोई को
शून्य-अपशिष्ट में
बदलें
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- गुणवत्तापूर्ण जीवन में सुधार
के लिए अपनी
रसोई के लिए शून्य-अपशिष्ट (zero-waste) नीति अपनाएँ।
- पैसे बचाएँ और
भोजन को और भी
स्वादिष्ट बनाएँ।
- भारत में उत्पादित
सभी खाद्य पदार्थों में
से एक-तिहाई
खाने से पहले ही
बर्बाद हो जाता है
या खराब हो
जाता है।
- दुनिया भर में
हर साल 1.3 बिलियन
टन भोजन बर्बाद
हो जाता है।
रसोई के कचरे को
कम करने के लिए,
हम निम्नलिखित उपायों को लागू कर
सकते हैं -
· अपने भोजन की योजना बनाएँ: सप्ताहभर के लिए हमें एक मेनू बनाना चाहिए और
उसके अनुसार ही खरीदारी करनी चाहिए।
इससे हम केवल वही
खरीदेंगे जो आवश्यक है
और बर्बादी कम होगी।
- उदाहरण: श्रीमती शर्मा
हर रविवार को अपने
परिवार के लिए पूरे
सप्ताह का मेनू बनाती
हैं। इससे वे केवल
वही सामग्री खरीदती हैं
जो उन्हें चाहिए, इसलिए
उनके कचरे की मात्रा
बहुत कम हो गई
है।
· केवल उतना ही खरीदें जितना हमें चाहिए और उसे ठीक से स्टोर करें: फलों और सब्जियों
को सही तरीके से
स्टोर करने से उनकी
शेल्फ लाइफ बढ़ जाती
है।
- उदाहरण: राजेश अपनी
सब्जियों और फलों को
उचित तापमान पर स्टोर
करते हैं, जिससे वे
अधिक समय तक ताजे
रहते हैं और बर्बादी
कम होती है।
· खाने के हिस्से के आकार का ध्यान रखें: खाने का हिस्सा
कम रखें ताकि प्लेट
में खाना बर्बाद न
हो।
- उदाहरण: गुप्ता परिवार
खाने की प्लेटों में
खाने की सामग्री के
छोटे हिस्से रखता है,
जिससे यदि किसी को चाहिए तो वह
दुबारा ले सकता है,
और खाने की बर्बादी
कम होती है।
· बचे हुए खाने को पुनः उपयोग करें: सूप, पराठे, सलाद,
सैंडविच आदि में बचे
हुए खाने को इस्तेमाल
करें।
- उदाहरण: अनिता बचे
हुए चावल से हर
दूसरे दिन स्वादिष्ट तवा
पुलाव बनाती हैं, जिससे
खाना बर्बाद नहीं होता
और एक नया स्वाद
भी मिलता है।
· खाद बनाना शुरू करें: अपने घर के
बगीचे में फलों और
सब्जियों के अवशेषों, कॉफी
के अवशेषों, अंडे के छिलकों
और अन्य जैविक कचरे
से खाद बनाना शुरू
करें।
- उदाहरण: संजय अपने
घर के बगीचे में
खाद बनाने का काम
शुरू किया है। इससे
उनके पौधों को पोषण
मिलता है और कचरे
की मात्रा भी कम
होती है।
· खाद्य-अपशिष्ट को कम करें: सब्जी के शोरबे के
लिए प्याज के छिलके, सूप
के लिए धनिया के
तने और स्वाद बढ़ाने
के लिए खट्टे फलों
के छिलकों का इस्तेमाल करें।
- उदाहरण: माया सब्जियों
के छिलकों से शोरबा
बनाकर उसे विभिन्न व्यंजनों
में इस्तेमाल करती हैं, जिससे
उनके खाने में स्वाद
बढ़ता है और कचरा
भी कम होता है।
अपनी रसोई को शून्य-अपशिष्ट में बदलकर, हम
अपने जीवन में गुणवत्ता सुधार
कर सकते हैं और
बहुत सारा पैसा बचा
सकते हैं।
शुभकामनाएँ,
केशव राम सिंघल
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