शनिवार, 5 अक्टूबर 2024

भाई-भाई के बीच संघर्ष: इतिहास की एक कड़वी सच्चाई

भाई-भाई के बीच संघर्ष: इतिहास की एक कड़वी सच्चाई









साभार NightCafe - प्रतीकात्मक चित्र


संसार में भाई-भाई के बीच के संघर्ष एक पुरातन सत्य है। कौरवों और पांडवों के बीच लड़ा गया महाभारत युद्ध इसका प्रसिद्ध उदाहरण है, जहाँ भाइयों के बीच की प्रतिद्वंद्विता ने विनाशकारी युद्ध को जन्म दिया। रामायण में भी किष्किंधा के राज के लिए सुग्रीव और बाली के बीच का आपसी संघर्ष भाई-भाई के बीच हुआ टकराव ही था।


यदि आधुनिक काल की ओर देखें, तो रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष भी इसी तरह की कहानी बयां करता है। दोनों देशों के निवासियों के बीच ऐतिहासिक रूप से गहरा संबंध रहा, जो अब युद्ध का कारण बन गया है। इसी प्रकार, इजराइल और हमास के बीच का वर्तमान संघर्ष दो समुदायों के बीच के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास से उपजा है, जो एक समय एक ही मूल के थे।


भारत में भी हिन्दू और मुसलमानों के बीच कई बार संघर्ष हुए हैं, जो इस बात का संकेत देते हैं कि किसी समय एक ही समुदाय के लोग धर्मांतरण के बाद एक-दूसरे के विरोधी बन गए।


यदि हम इतिहास टटोलें तो हमें भाई-भाई के बीच हुए टकराव और संघर्ष के कई उदाहरण मिल सकते हैं। कुछेक निम्न हैं:


- बाबर और उनके भाइयों का संघर्ष: मुगल सम्राट बाबर, जो भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाले थे, अपने भाइयों के साथ सत्ता संघर्ष में उलझे रहे। बाबर का सबसे बड़ा संघर्ष उनके भाई जहाँगीर मिर्ज़ा के साथ हुआ, जिसने उनके शासन को चुनौती दी। बाबर ने अपने भाई को पराजित करके काबुल पर अधिकार जमाया और बाद में भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की।


- औरंगजेब और दारा शिकोह: मुगल साम्राज्य में औरंगजेब ने अपने भाई दारा शिकोह को सत्ता की लालसा में पराजित किया और मृत्युदंड दिया।


- बिंदुसार के पुत्रों का संघर्ष (अशोक और उनके भाई): मौर्य सम्राट बिंदुसार की मृत्यु के बाद उनके पुत्रों के बीच सत्ता के लिए संघर्ष हुआ। सम्राट अशोक ने अपने भाइयों को पराजित कर मौर्य साम्राज्य का राजा बनने के लिए कई भाइयों का वध किया। यह संघर्ष सत्ता के लिए था, और अशोक इस संघर्ष के विजयी होकर मौर्य सम्राट बने, जो बाद में अपने शासनकाल के दौरान बौद्ध धर्म के अनुयायी बन गए।


- राणा सांगा और उनके भाइयों का संघर्ष: मेवाड़ के राजा राणा सांगा और उनके भाइयों के बीच भी सत्ता का संघर्ष हुआ था। राणा सांगा ने अपने बड़े भाइयों को हराकर मेवाड़ की गद्दी पर अधिकार किया। यह संघर्ष उस समय मेवाड़ के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने वाला साबित हुआ और राणा सांगा ने अपनी वीरता और संघर्ष के कारण एक मजबूत राज्य स्थापित किया।


- मराठा साम्राज्य में शाहू और ताराबाई का संघर्ष: छत्रपति शाहू और महारानी ताराबाई के बीच का संघर्ष भी भाई-भाई के बीच के संघर्ष की श्रेणी में आता है। शाहू को शिवाजी के पुत्र संभाजी के पुत्र के रूप में सत्ता में आने का अधिकार था, जबकि ताराबाई ने अपने पुत्र शिवाजी द्वितीय को सत्ता का उत्तराधिकारी घोषित किया। यह सत्ता संघर्ष वर्षों तक चला और मराठा साम्राज्य के भीतर गुटबाजी का कारण बना।


- चित्तौड़ के महाराणा उदयसिंह और उनके भाई शत्रु सिंह का संघर्ष: उदयसिंह और उनके भाई शत्रु सिंह के बीच भी सत्ता के लिए संघर्ष हुआ। उदयसिंह ने अपने भाई को हराकर चित्तौड़ के सिंहासन पर अधिकार किया। इस संघर्ष के परिणामस्वरूप उदयसिंह चित्तौड़ के राजा बने और बाद में उनके पुत्र महाराणा प्रताप ने मुगलों के खिलाफ वीरतापूर्वक संघर्ष किया।


- ग्रेट स्किज्म: ग्यारहवीं सदी में ईसाई चर्च का विभाजन भी एक विश्वास के अनुयायियों के बीच आंतरिक मतभेद का परिणाम था।


- अमेरिका में गृह युद्ध: अमेरिका का गृह युद्ध भी मूल रूप से उत्तर और दक्षिण के बीच का संघर्ष था, जो दास प्रथा और राज्यों के अधिकारों को लेकर उत्पन्न हुआ।


- शिया-सुन्नी विभाजन: इस्लाम के प्रारंभिक दिनों में पैगंबर मुहम्मद के उत्तराधिकार को लेकर हुए विवाद से शिया और सुन्नी समुदायों के बीच विभाजन हुआ, जो आज तक चला आ रहा है।


- सिकंदर महान: मकदूनिया के सिंहासन के लिए सिकंदर ने भी अपने भाइयों से युद्ध किया।


उपर्युक्त उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि सत्ता, विचारधाराओं, और संपत्ति के लिए भाई-भाई के बीच संघर्ष इतिहास के हर युग में देखे गए हैं। पारिवारिक और निकट संबंधों के बीच का यह टकराव समाज में व्यापक असर डालता है और इसने कई सभ्यताओं के पतन और उदय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भी हमें भाई-भाई के बीच पारिवारिक संघर्षों और पारिवारिक विघटन के रूप में ऐसे बहुत से मामले देखने-सुनने को मिलते रहते हैं। भाई-भाई के बीच संघर्ष इतिहास की एक कड़वी सच्चाई रही है।


सादर,

केशव राम सिंघल


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