बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर भारतीय रिजर्व बैंक की चिंताएँ
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भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार 10 नवम्बर 2021 को एक
बार फिर क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपना पक्ष रखा है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत
दास ने क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने के खिलाफ अपने विचारों को दोहराया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार –
- क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय
स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।
- साथ ही क्रिप्टोकरेंसी पर व्यापार करने वाले निवेशकों
की संख्या के साथ क्रिप्टोकरेंसी के दावा किए बाजार मूल्य पर भी संदेह उत्पन्न करते
हैं।
- क्रिप्टोकरेंसी किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए
गंभीर खतरा है क्योंकि वे केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण के बाहर हैं।
- क्रिप्टोकरेंसी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता
के नजरिये से गंभीर चिंता का विषय है।
- भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी से सम्बंधित मुद्दों
पर सक्रियता से विचार कर रही है और इस पर फैसला लेगी।
- केंद्रीय बैंकर के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक को
क्रिप्टोकरेंसी के बारे में गंभीर चिंताएं हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक की चिंताओं पर विचार करना जरूरी
है क्योंकि यह मामला देश के आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से जुड़ा है। क्रिप्टोकरेंसी
का लेन-देन (ट्रेडिंग) करने वाले निवेशकों की संख्या के साथ-साथ क्रिप्टोकरेंसी के
बाजार मूल्य के बारे में मीडिया में बताई जा रही बड़ी संख्या की सत्यता के बारे में
निश्चितता नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि इन मुद्राओं (क्रिप्टोकरेंसी) के बारे में पूरी
जानकारी नहीं मिल पाती है, क्योंकि ये मुद्राएँ (क्रिप्टोकरेंसी) भारतीय रिजर्व बैंक
या किसी अन्य केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित नहीं होती है। इस सन्दर्भ में भारतीय रिजर्व
बैंक के गवर्नर ने अपने बयान में यह भी कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले
निवेशकों की संख्या को थोड़ा बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है और लगभग सत्तर प्रतिशत ऐसे
निवेशक हैं जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में केवल एक हजार रुपये तक का ही निवेश किया है।
पाठकों की जानकारी के लिए यह बताना भी जरूरी है कि
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2018 में वस्तुतः क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर प्रतिबन्ध लगा
दिया था और केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित सभी संस्थाओं को आभासी मुद्राओं में काम
करने से रोकने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2019 में केंद्र सरकार से क्रिप्टोकरेंसी
के लिए नीतियां बनाने के लिए कहा था और 2020 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लगाए गए
प्रतिबंधों पर रोक लगा दी थी। इसके बाद फरवरी 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्रीय
बैंक की डिजिटल मुद्रा के मॉडल का सुझाव देने के लिए एक आंतरिक पैनल का गठन किया था।
पाठकों को यह भी जानना चाहिए कि भारत
में बिटकॉइन या अन्य प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक मुद्रा के रूप में मान्यता
प्राप्त नहीं है। भारत में बिटकॉइन वैध मुद्रा नहीं है, पर आपको यह भी जानना चाहिए
कि बिटकॉइन या किसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को सरकार ने अभी तक अवैध भी घोषित नहीं
किया है। इस लेख के लेखक ने बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानकारी प्रदान करने
के उद्देश्य से किंडल पुस्तक 'बिटकॉइन क्या है?' लिखी है, जिसे अमेजन से प्राप्त किया
जा सकता है। इस पुस्तक का ASIN कोड B096MWXZ7W है। यह पुस्तक
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- केशव राम सिंघल
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