गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

सरकार द्वारा किसानों की मांगों पर सकारात्मक रुख

सरकार द्वारा किसानों की मांगों पर सकारात्मक रुख 

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संसद में तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी किसान आंदोलन समाप्त नहीं हुआ था, क्योंकि किसान संगठनों ने कुछ मांगें सरकार के समक्ष रखीं थीं। अब भारत सरकार के कृषि और किसान मंत्रालय ने अपने एक पत्र क्रमांक सचिव (एएफडब्लू)/2021/मिस/1 दिनांक 9 दिसम्बर, 2021 से सूचित किया है कि वर्तमान गतिशील किसान आंदोलन के लंबित विषयों के सम्बन्ध में समाधान की दृष्टि से निम्न प्रस्ताव रखे हैं -


- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक समिति गठन की जाएगी, जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिक सम्मलित किए जाएंगे। पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसान प्रतिनिधि में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। समिति इस बात पर विचार करेगी कि किसानों को एमएसपी मिलना किस तरह सुनिश्चित किया जाए। देश में एमएसपी पर खरीदी की वर्तमान स्थिति को जारी रखा जाएगा। 


- तत्काल प्रभाव से किसान आंदोलन से सम्बंधित केसों को वापस लिया जाएगा। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकार ने केसों को वापस लेने के लिए पूर्ण सहमति दी है और केंद्र सरकार अन्य राज्यों से भी अपील करेगी कि वे भी किसान आंदोलन से सम्बंधित केसों को वापस ले लें। 


- किसानों को मिलने वाले मुआवजे का जहाँ तक सवाल है, उसके लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। किसान आंदोलन से सम्बंधित केसों को वापस लेने और मुआवजे के सम्बन्ध में पंजाब सरकार ने भी सार्वजनिक घोषणा की है। 


- बिजली बिल में किसान पर असर डालने वाले प्रावधानों पर पहले सभी स्टेकहोल्डर्स / संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी। मोर्चा से चर्चा होने बाद ही संसद में बिल पेश किया जाएगा।  


- जहाँ तक पराली के मुद्दे का सवाल है, भारत सरकार ने जो कानून पारित किया है उसकी धारा 14 और 15 में क्रिमिनल लायबिलिटी से किसान को मुक्ति दी है। 


भारत सरकार ने पत्र में यह भी कहा है कि इस प्रकार लंबित पांचों मांगों का समाधान हो जाता है। अब किसान आंदोलन को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं रहता है। भारत सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व से यह अनुरोध किया है कि अब किसान आंदोलन समाप्त करें। 


एक साल 14 दिन की लंबे संघर्ष के बाद आज 9 दिसम्बर 2021 को सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि 11 दिसंबर 2021 को सभी किसान मोर्चों पर जीत का जश्न मनाया जाएगा, उसके बाद आंदोलन की वापसी होगी।


कृपया क्लिक कर पढ़े पिछला लेख - तीन कृषि कानूनों की वापसी। 


- केशव राम सिंघल 

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