शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025

दास्ताँ - 4 - प्राचीन भारत

दास्ताँ - 4 - प्राचीन भारत 

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भारत महान देश 

विशाल और समृद्ध इतिहास 

प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और परम्पराएँ 

हड़प्पा सभ्यता से शुरू होकर 

वैदिक काल, बौद्ध और जैन प्रभाव 

और फिर मौर्य साम्राज्य के महत्वपूर्ण दौर से गुज़री। 


भारत का अतीत 

विविधता और निरंतरता का अनूठा मिश्रण 

जहाँ विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों ने 

सह-अस्तित्व में रहकर 

एक समृद्ध ताने-बाने को जन्म दिया।


उत्तर-पश्चिम की तरफ सिंधु घाटी में मोहनजोदड़ो - 

इस प्राचीन शहर में घर और गलियाँ  

पाँच हज़ार साल से भी ज़्यादा समय से अस्तित्व में रहे 

मोहनजोदड़ो - एक प्राचीन और सुविकसित सिंधु सभ्यता थी  

सिंधु सभ्यता  तत्कालीन मानव जीवन के रहन-सहन का प्रतिनिधित्व करती है। 


भारत की प्राचीन सभ्यता 

केवल सिंधु घाटी और वैदिक काल तक 

सीमित नहीं रही, 

बल्कि आगे बढ़ते हुए कई महान राजवंशों ने इसे समृद्ध किया।  


चंद्रगुप्त मौर्य के नेतृत्व में 

भारत का पहला विशाल 

मौर्य साम्राज्य (321-185 ईसा पूर्व) स्थापित हुआ।  


चाणक्य ने 

राजनीति और अर्थव्यवस्था पर

'अर्थशास्त्र' की रचना की। 


अशोक महान ने 

कलिंग युद्ध के बाद 

अहिंसा और बौद्ध धर्म को अपनाकर 

शांति और धर्म का संदेश दिया।


गुप्त साम्राज्य (319-550 ईस्वी) 

भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग 

चंद्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के नेतृत्व में 

कला, साहित्य, विज्ञान और गणित में अद्भुत प्रगति हुई 

इसी काल में आर्यभट्ट ने 'शून्य' की अवधारणा दी 

और 

कालिदास जैसे महान साहित्यकारों ने संस्कृत साहित्य को समृद्ध किया।  


दक्षिण भारत में चोल साम्राज्य (9वीं-13वीं शताब्दी) ने

मजबूत नौसैनिक शक्ति विकसित की 

और 

दक्षिण पूर्व एशिया तक 

भारतीय संस्कृति का विस्तार किया। 


चोल साम्राज्य के शासनकाल में भव्य मंदिरों का निर्माण हुआ -

बृहदेश्वर मंदिर 

स्थापत्य कला का एक अनुपम उदाहरण है।  


विजयनगर साम्राज्य (1336-1646 ईस्वी) काल में 

दक्षिण भारत में 

कला, संगीत, मंदिर निर्माण और व्यापार 

खूब फला-फूला। 


मुगल साम्राज्य (1526-1857 ईस्वी) काल में 

बाबर से लेकर औरंगजेब तक 

मुगलों ने भारत में 

एक समृद्ध सांस्कृतिक और प्रशासनिक प्रणाली विकसित की - 

अकबर की धार्मिक सहिष्णुता, 

शाहजहाँ की स्थापत्य कला (ताजमहल) 

और 

मुगलों का विस्तारित साम्राज्य इस काल की विशेषताएँ थीं।  

 

भारत हर समय बदल रहा था 

और 

प्रगति कर रहा था। 


भारत के लोग  

फारसियों, मिस्रियों, यूनानियों, चीनी, अरबों, मध्य एशियाई और भूमध्य सागर के 

लोगों के साथ घनिष्ठ संपर्क में आए।   


भारत के लोगों ने उन्हें प्रभावित किया 

और 

भारत उनसे प्रभावित हुआ 

भारत के लोगों का  सांस्कृतिक आधार इतना मजबूत था 

कि वह लोगों को प्रभावित कर सके। 


भारत ने 

बाहरी प्रभावों को आत्मसात किया

फिर भी अपनी मूल पहचान को बनाए रखा।


हिमालय - पुराने मिथक और किंवदंतियों से बहुत निकट से जुड़ा हुआ है

हिमालय -  जिसने हमारे विचारों और साहित्य को बहुत प्रभावित किया 

पहाड़ों के प्रति हमारा प्रेम 

जीवन, शक्ति और सौंदर्य से भरपूर। 


सिंधु जिससे हमारे देश को भारत और हिंदुस्तान कहा जाता था 

और 

अब इसे इंडिया और भारत के नाम से जाना जाता है। 


बहुत सारी नदियाँ - 

गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, कावेरी, नर्मदा, सिंधु, गोदावरी, कृष्णा, महानदी आदि। 


भारत की सभ्यता और संस्कृति 

उत्थान और पतन 

महान और गौरवशाली इतिहास 

मनुष्यों के साहसिक कार्यों से भरपूर 

मन की खोज 

जीवन की समृद्धि और पूर्णता 

विकास और क्षय के उतार-चढ़ाव 

जीवन और मृत्यु के उतार-चढ़ाव  

प्राचीन मूर्तिकला भित्तिचित्र - 

अजंता, एलोरा, एलिफेंटा गुफाएँ 

विभिन्न स्थानों पर  सुंदर इमारतें  

जहाँ हर पत्थर 

भारत के अतीत की कहानी कहता है। 


भारत की यात्रा कभी रुकी नहीं, 

यह निरंतर प्रवाहमान रही। 


प्रत्येक सभ्यता

प्रत्येक साम्राज्य

प्रत्येक कालखंड ने 

भारत की विरासत को और अधिक समृद्ध बनाया।  


आज भी भारत 

अपने प्राचीन ज्ञान, 

सांस्कृतिक विविधता 

और 

आधुनिक प्रगति के संगम से 

आगे बढ़ रहा है। 


विज्ञान, कला, संगीत, आध्यात्मिकता, और दर्शन के क्षेत्र में 

भारत की खोज जारी है।  


संस्कृति की यह धारा 

कभी रुकी नहीं

कभी थमी नहीं

हर युग में बहती रही 

संजोती रही 

गढ़ती रही।  


सादर,

केशव राम सिंघल 


प्रतीकात्मक चित्र - साभार NightCafe 


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