शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

फेसबुक पर 'तालाबंदी के दौरान की कविता - कवि और पाठक समूह'


फेसबुक पर 'तालाबंदी के दौरान की कविता - कवि और पाठक समूह'

इस ग्रुप की तीन अप्रेल 2020 को सृजित किया गया। अपने संयोजकीय वक्तव्य में मैंने ग्रुप सृजन उद्देश्य सहित निम्न सम्प्रेषित किया:

"इस फेसबुक ग्रुप में आपका स्वागत। तालाबंदी (अर्थात 'लॉक डाउन') के दौरान अनेक कविताओं का सृजन हो रहा है। कविता एक ऐसी विधा है, जो हमें आनंदित व स्पंदित करने, नए स्वप्न व नए क्षितिज की ओर प्रेरित करने के साथ-साथ बहुत कुछ सम्प्रेषित कर जाती है। यह विभिन्न मानवीय अनुभूतियों, संवेदनाओं, सहमति, समर्थन से सृजित होती है। कहीं मैंने पढ़ा - कविता भी एक सुन्दर चिड़िया ही है। ... व्यक्ति के मुख में कविता कल्लोल करती है। ... वह एकांत में सृजित होती है। तालाबंदी (अर्थात 'लॉक डाउन') के दौरान लिखी कुछ चुनिंदा कविताओं को इस ग्रुप में साझा किया जाएगा, इसी उद्देश्य से इस ग्रुप को बनाया गया है। आपसे निवेदन - कृपया अपने मित्रों को इस ग्रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित करें। अपना ख्याल रखें, तालाबंदी (लॉक डाउन) के दौरान घरों में रहें, खुद सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें। शुभकामनाओं सहित, केशव राम सिंघल"

तालाबंदी (लॉकडाउन) के दौरान लिखी गयी कविताओं को हम ढूँढते है, पढ़ते हैं और पसंद आने पर स्रोत का हवाला देते हुए उसे ग्रुप की फेसबुक वॉल में शामिल कर लेते हैं। कुछ रचनाओं में सम्पादन (अक्सर वर्तनी सुधार) की जरुरत होती है तो वह हम करते हैं। अभी तक हम निम्न रचनाकारों (कवियों) की रचनाएँ शामिल कर पाए हैं -
- अनिल गुप्ता
- मदन वैष्णव
- डा. अनंत भटनागर
- भानु स्वरूप गोस्वामी (भानु भारवि)
- रास बिहारी गौड़
- पूनम चंद सिंहल
- दीक्षा दिव्या पद्दमनाभन
- संजय कुंदन
- देवेंद्र सक्सेना
- कपिल सिब्बल
- राकेश आनन्दकर
- राजश्री गोस्वामी
- रेखा भाटिया
- गोपाल माथुर
- रमेश अग्रवाल
- देवेश अलख
- इकराम राजस्थानी
- मलका नसीम
- वन्दना कुंअर
- एसीपी कमल सिंह तंवर
- सुधा उपाध्याय
- ज्योति किरण राठौर
- डा. मंजु सिंह मरालिका
- अनिता निधि
- कैलाश शर्मा गोविन्द
- वेद माथुर
- लालित्य ललित
- केशव राम सिंघल
(रचनाकारों की इस सूची को हम अद्यतन करते रहेंगे।)

हम सभी जानते हैं कि हमारे देश में बाइस मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू लगाने के बाद चौबीस मार्च की रात बारह बजे से इक्कीस दिनों का लॉकडाउन (तालाबंदी) लगा दिया गया और अब इसे उन्नीस दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया है। तालाबंदी के दौरान सृजित काव्य को आप पढ़ेंगे और रचनाकार के मंतव्य को समझेंगे, ऐसी आशा है। आप इस प्रयास की सराहना करेंगे, ऐसा मुझे विश्वास है।

आपके सुझाव, टिप्पणी और आलोचना का स्वागत है।

अभिवादन,

केशव राम सिंघल
फेसबुक पर 'तालाबंदी के दौरान की कविता - कवि और पाठक समूह' पर कविता पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। धन्यवाद।


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