शुक्रवार, 13 जनवरी 2023

कथा-श्रृंखला - हमारी अम्मा और पड़ौस की चाची की चौपाल - 19

कथा-श्रृंखला - हमारी अम्मा और पड़ौस की चाची की चौपाल

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लेखक - केशव राम सिंघल

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आज सभी खुश थे कि दुबई में कल (28-08-2022) एशिया कप 2022 के भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच में भारत ने पाँच विकेट से जीत हासिल कर ली। सब एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे।

 

चाची बोलीं - अम्मा जी, मैं तो बहुत निराश हो गई थी, जब मैंने भारतीय टीम की पहले दस ओवरों की परफॉर्मेंस देखी। बहुत ही कम रन रेट थी।

 

अम्मा जी कहने लगीं - छोटी, तुझे पता है कि मैं आजकल टीवी नहीं देखा करती। हाँ, बच्चे देख रहे थे, वे ही बार-बार मुझे आकर स्कोर आदि बता देते थे। मैंने सुना कि हार्दिक पांड्या ने विजयी छक्का जड़ा, वही मैन ऑफ़ मैच रहे। चलो बधाई।

 

तभी राजरानी बोली - अम्मा जी, वैसे पाकिस्तान भी अच्छा खेली। जब भारत की टीम बैटिंग के लिए उतरी तो शुरू में उनकी फील्डिंग बहुत अच्छी थी।

 

शैलबाला कहने लगी - कल तो बच्चे इतने खुश थे कि जैसे ही हार्दिक पांड्या ने विजयी छक्का जड़ा, वे नाचने लगे और मिठाइयाँ बाँटने लगे।

 









अम्मा जी कहने लगी - खुशी की तो बात है।

 

तभी राजरानी ने बताया - अम्मा जी, कल नोयडा में एक सौ तीन मीटर ऊँची बत्तीस मंजिला इमारत ट्विन टावर को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार गिरा दिया गया।

 

अम्मा जी कहने लगीं - यह तो वही टावर थी जो इसके बिल्डरों ने अवैध रूप से बनाई थी।

 

राजरानी कहने लगी - हाँ, अम्मा जी। पर एक दिन में तो नहीं बनी यह इमारत। यह तो सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश थे कि इस इमारत को गिरा दिया जाए, अन्यथा इसके बिल्डरों ने खूब प्रयास किए कि यह बिल्डिंग गिराई जाए। 

 

ट्विन टावर से सम्बंधित जानकारी देते हुए राजरानी ने बताया - इस ट्विन टावर को गिराने के लिए 'वाटरफॉल इम्प्लोजन' तकनीक का सहारा लिया गया तथा 3,700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। यह टावर मात्र सेकेण्ड में जमींदोज हो गई। बिल्डिंग विस्फोट के बाद सतासी हजार टन मलबा फ़ैल गया। इस ट्विन टावर को गिराने का काम एडिफिस इंजीनियरिंग नामक कंपनी ने किया और सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि इस टावर के गिराने से आसपास की बिल्डिंगों को कोई नुकसान नहीं पहुँचा है। बहुत बार बिल्डरों के फरेब में लोग जाते हैं और अपनी जिंदगी भर की कमाई को दाँव पर लगा देते हैं। अम्मा जी, जब भ्रष्टाचार की इमारत गिरती है तो  हमारा समाज खुशियाँ मनाता है। यह इमारत भ्र्ष्टाचार की प्रतीक थी, जिसे गिरा दिया गया। जिस समय यह इमारत गिराई गई लोगों ने तालियाँ बजाई। काश, भ्रष्टाचार को मूल से ख़त्म कर दिया जाए।

 

अम्मा जी ने कहा - राजरानी, तुमने तो बहुत सारी जानकारी दे दी। वैसे इतनी ऊँची टावर अवैध बन गई, ताज्जुब की बात है ना।

 

चाची बोली - भ्रष्टाचार के कारण सब कुछ हो जाता है अम्मा जी।  

 

अम्मा जी कहने लगीं - यह भ्रष्टाचार ही हमें ले डूबेगा, अन्यथा क्या कमी है हमारे देश में।

 

सभी अम्मा जी के तरफ देख कर सहमति जाहिर करने लगे।

 









तभी सरोज बुआ बोलीं - अम्मा जी, भ्रष्टाचार से सम्बंधित एक कहानी मैंने सोशल मीडिया पर पढ़ी है, वही सुनाती हूँ। एक बार एक अमीर व्यक्ति के घर इनकम टैक्स का छापा पड़ा। घंटो की खोजबीन के बाद छापे के लिए आई टीम के अफसर ने उस अमीर व्यक्ति से कहा - आपका हिसाब किताब तो ठीक-ठाक सा लग रहा है, पर एक जगह खातों में लिखा है यमदूत को फल खिलाने का खर्चा चार लाख रुपया, पर इससे सम्बंधित बिल या भुगतान की रसीद नहीं हैं। क्या आपके पास कोई बिल या भुगतान की रसीद है जिससे यह प्रमाणित हो कि यह खर्च आपने किया है। यह सुन वह व्यक्ति बोला - नहीं साहब, इससे सम्बंधित तो कोई बिल या प्राप्ति रसीद नहीं है मेरे पास। मैंने तो नकद भुगतान किया था। व्यक्ति की बात सुनकर अधिकारी ने कहा -  कानूनन आप यह खर्चा अपनी किताबों में नहीं दिखा सकते। इस प्रकार आपको आयकर और पैनल्टी के रूप में करीब ढाई-तीन लाख रुपये देने होंगे। एक रास्ता है, यदि आप मुझे एक लाख रुपये दे दें तो मैं बात को यहीं समाप्त कर दूँगा। व्यक्ति ने सहमति प्रकट करते हुए अपने मुनीम को आवाज लगाईं और कहा - मुनीम जी, साहब को झटपट एक लाख रुपये दे दो और खाते में लिख देना एक यमदूत ने एक लाख का केला खाया। अम्मा जी, मुझे लेखक का नाम नहीं पता। उस अनाम लेखक को साभार।

 

अम्मा जी ने कहा - अच्छा व्यंग्य किया है। भ्रष्टाचार तो रच-बस गया है आज। दुःख की बात है यह।

 

भार्गव आंटी अम्मा जी की तरफ देख कर बोलीं - अम्मा जी, आपको तो पता ही है कि बेटी पत्रकारिता का कोर्स कर रही है, पर चाहती है कि बिहार की राजनीति पर कुछ लिखे। बिहार राज्य और वहाँ की राजनीति पर समझ विकसित करने के लिए कोई पुस्तक बताइये।

 

अम्मा जी बोलीं - बिहार या किसी भी राज्य की राजनीति को समझना है तो विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में राज्य से संबंधित लेख पढ़े और अपने नोट्स तैयार करे। अगर उसने पच्चीस-पचास लेख पढ़ लिए तो राज्य से संबंधित एक अच्छी समझ उसको हो जाएगी। इसके लिए उसको कुछ पत्रिकाओं के पुराने अंक भी पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ हिंदी पत्रिकाएँ हैं जैसे - आउटलुक हिंदी पाक्षिक, इंडिया टुडे आदि। बेटी को मेरी शुभकामनाएँ।

 

चाची बोली - प्रसन्न कुमार चौधरी और श्रीकांत की लिखी एक किताब है 'बिहार में सामाजिक परिवर्तन के कुछ आयाम' इस किताब का पेपरबैक संस्करण भी उपलब्ध है तथा इसे अमेजन से भी मँगाया जा सकता है। यदि भोजपुर बिहार के नक्सलवादी आंदोलन को जानना है तो कल्याण मुखर्जी और राजेंद्र सिंह यादव की लिखी एक किताब है 'भोजपुर - बिहार में नक्सलवादी आंदोलन', जिसे राधाकृष्ण प्रकाशन ने प्रकाशित किया है।

 

शैलबाला बोली - बिहार पर बहुत सी किताबें हैं। यदि वहाँ के परिवेश के बारे में अधिक जानना है तो फणीश्वर नाथ रेणु का उपन्यास 'मैला आँचल' बिटिया को जरूर पढ़ना चाहिए। इस उपन्यास को राजकमल प्रकाशन ने प्रकाशित किया है तथा यह पेपरबैक और किंडल संस्करणों में उपलब्ध है।

 









भार्गव आंटी ने कहा - चाची, रेणु जी का यह उपन्यास तो मैंने भी पढ़ रखा है। यह तो हिंदी का श्रेष्ठ और सशक्त आंचलिक उपन्यास है।

 

तभी राजरानी बोली - भार्गव आंटी, मेरे पास है इसकी प्रति। मैं आपके घर भिजवा दूँगी।

 

यह कथा-श्रृंखला, पाठको को समर्पित है। आप पढ़े, आनंद लें, टिप्पणी करें, दूसरों को पढ़ाएँ, अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा करें। स्वागत है आपके सुझावों और टिप्पणियों का।

 

कल्पना और तथ्यों के घालमेल से लिखी यह कथा-श्रृंखला रुचिकर लगेगी, ऐसा मेरा विश्वास है। कथा में दिए सभी चित्र प्रतीकात्मक हैं तथा इंटरनेट से साभार लिए गए हैं।

 

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