रविवार, 22 जनवरी 2023

बातों ही बातों में - 02

बातों ही बातों में - 02

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केशव राम सिंघल

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हर वक्तव्य, हर बात का महत्त्व है, किसी का कम, किसी का अधिक। आप पढ़े और सोचे, यही उद्देश्य है 'बातों ही बातों में' श्रृंखला का।

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2024 में राहुल गांधी पप्पू वाला राहुल नहीं होगा। भारत जोड़ो यात्रा से बदल गया राहुल गांधी?

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30 जनवरी 2023 को समाप्त हो रही है भारत जोड़ो यात्रा।

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एम सी मिश्रा ने पचास साल पहले ही अपनी रिपोर्ट में लिख दिया था कि जोशीमठ डूब रहा है, पर रिपोर्ट पढ़ता कौन है और उस पर कार्रवाई करना तो दूर उसे दराज में बंद कर दिया जाता है। और अब नींव हिल गई जोशीमठ की। दरारें आ गई हैं, मकानों में, इमारतों में, सडको पर 

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क्या ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, नितीश कुमार जैसे नेता भारत जोड़ो यात्रा जैसी कोई यात्रा कर सकते हैं या करेंगे?

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इस देश में धर्म का नशा अफीम की तरह चटा दिया जाता है।

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उत्तरकाशी (उत्तराखंड) के मोरी थाना क्षेत्र के एक गांव में मंदिर में प्रवेश करने पर अनुसूचित जाति के युवक की पिटाई करने और दागने का मामला सामने आया है। पता चला है कि गांव के ही कुछ सवर्ण युवाओं ने युवक को मंदिर के अंदर करीब 16 घंटे तक बंधक बनाए रखा और उसके पिता के सामने कपड़े उतार कर बेरहमी से पीटा।

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शब्द हथियार की तरह होते है, जिनसे किसी को मारा भी जा सकता है और बचाया भी जा सकता है। शब्दों का उपयोग सोच-समझकर करो। कम शब्दों में अपनी बात कहना सीखो। 

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लोकतंत्र और गणतंत्र में बहुमत का शासन भी निरंकुश हो सकता है। जरुरत है संविधान की सर्वोच्चता पर ध्यान देने की, ताकि लोगों की स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा हो सके। इसके लिए जनता की सहभागिता के साथ शासन में जाँच और संतुलन (check and balance) की जरुरत है।

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गृह मंत्रालय के मुताबिक़ साल 2021 में 163,370 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी। संसद में पेश किए गए दस्तावेज़ में कहा गया है कि इन लोगों ने "निजी वजहों" से नागरिकता छोड़ने का फ़ैसला किया है। सबसे ज़्यादा 78,284 लोगों ने अमेरिकी नागरिकता के लिए भारत की नागरिकता छोड़ी। 2014 में यह संख्या 1,29,328 थी, 2015 में यह संख्या 1,31,489 थी, 2016 में 1,41,603, 2017 में 1,33,049, 2018 में 1,34,561, जबकि 2019 में 1,44,017 और 2020 में 85,256 ने अपनी नागरिकता छोड़ी थी। इस प्रकार प्रतिवर्ष औसतन एक लाख तीस हजार से अधिक नागरिक भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं। क्या संकेत देते हैं ये आकड़े?

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भारत के किसान, मज़दूर इस देश के तपस्वी हैं। उनकी मेहनत के कारण देश में उन्नति होती है। मगर उनकी तयस्या का फल उनसे चोरी कर अरबपतियों के ख़ज़ाने भरे जा रहे हैं। देश के तपस्वियों को उनका हक़ मिले, देश आगे बढ़े, इसके लिए ज़रूरी है सबका साथ आना, आवाज़ उठाना, भारत को एक सूत्र में जोड़ना। @ राहुल गांधी

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750 से अधिक किसान न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) के लिए शहीद हो गए। 

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भारत में गरीबी की क्या बात करते हो, देखते नहीं अब विश्व का सबसे अमीर आदमी एक भारतीय बन रहा है।

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यही तो जीवन की त्रासदी है। जब राम पास थे तो सीता को सोने का हिरन चाहिए था और जब सीता सोने की लंका में थी तो राम के लिए आँसू बहा रही थी। 

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भारत तो विश्व गुरु बनेगा ही ,,,,,,,,, भारत की जेलों तक में आपको साधु-संत मिल जाएँगे। 

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हारे हुए ने ही जीतना सिखाया है। आईएएस की कोचिंग देने वाले खुद आईएएस की परीक्षा पास नहीं कर सके, पर उन्होंने अपने ज्ञान से बहुतों को आईएएस की परीक्षा में पास करवा दिया।

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जुल्म का ढाँचा बहुत बड़ा है।

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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में विरोध प्रदर्शन होने के समाचार सुनने को मिल रहे हैं । वहाँ नारे लग रहे हैं कि 'आर-पार जोड़ दो, करगिल रोड खोल दो।'

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बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने 15 जनवरी 2023 को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि आने वाले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव 2024 में बहुजन समाज पार्टी किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। क्या संकेत देता है यह बयान। भाजपा को इससे खुश होना चाहिए?

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मार्क ट्वेन (Mark Twain) ने एक बार कहा था कि लोगों को मूर्ख बनाना आसान है, लेकिन उन्हें यह समझाना कठिन है कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है।  

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लोग बेरोजगारी की बात करते हैं। राजनीतिक दल इस मुद्दे को अपने लाभ के लिए उठाते भी हैं। ज्यादातर लोग चाहते हैं कि सरकार ही बेरोजगारी दूर करने के लिए प्रयत्न करे। बहुत से लोग खुद कोशिश करना नहीं चाहते। लोग उन्हें मिले अवसर या काम को छोटा काम का तमगा देकर उसे करने में उत्साहित नहीं होते और ऐसी स्थिति में निराशा का भाव दिखता है। देश में असंख्य अवसर हैं। लोग अपने लिए अवसर पैदा कर सकते हैं, दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं। मेहनत करने की जरुरत है। अपना रास्ता खुद बनाना होगा। खुद के रोजगार के साथ दूसरों को रोजगार देने के बारे में सोचे। जहाँ भी काम करे, उत्पाद और सेवा की गुणता (Quality) पर ध्यान दें। 

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तमाम निराशाओं और हताशाओं के बीच, बेरोज़गारी की व्यथा कथाओं के बीच हमारे ही समाज  में उद्यमी, मेहनती, नवाचार प्रेमी लोगों का एक नया वर्ग भी बहुत तेज़ी से उभर रहा है जो न केवल अपने जीवन को बेहतर बना रहा है, अपने आस-पास भी आशा-उल्लास और उत्साह का माहौल रच रहा है। @ डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल

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जब हम पहली बार गलती करते हैं और हमें पता होता है की यह गलत है तो हमें अपराध-बोध होता है। जब उसी गलती को दूसरी बार करते हैं तो हमारे अपराध-बोध में कमी आ जाती है और तीसरी बार करने पर तो अपराध-बोध ख़त्म हो जाता है। यही से शुरू होता है अपराधों का पनपना। 

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कानून और अदालतों का सहारा लेकर भी जनतंत्र को कुचला जा सकता है? 

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क्या तुम्हें डर नहीं लगता है?

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किसानों को जो राजनेता समझता हो, वैसा राजनेता ही किसानों के भले के लिए सोच सकता है।

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राजनेता में हिम्मत होनी चाहिए कि वह गलत को गलत कह सके। याद आता है राहुल गांधी का वह वक्तव्य जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार की आलोचना भी की थी। राहुल गांधी ने उस अध्‍यादेश को 'पूरी तरह बकवास' करार दिया था, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। उन्‍होंने यहाँ तक कह दिया था कि ऐसे अध्‍यादेश को फाड़ कर फेंक देना चाहिए।

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बच्चा रोता है, हँसता है, मुँह से शब्द नहीं बोलता, फिर भी अपनी माँग रख ही देता है। 

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जीने के लिए स्वाभिमान का होना जरूरी है। स्वाभिमान के लिए रोजगार जरूरी है।

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एक समाचार क्लिप, जिसका हैडिंग था - "भारत के 88%, दुनिया के 40% रईसों की संपत्ति बढ़ी।" एक तरफ यह समाचार प्रसन्नता का भाव पैदा कर रहा है और दूसरी तरफ वास्तविकता जान चिंतित होना स्वाभाविक लगा। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आकड़ों के अनुसार देश की बेरोजगारी दर सितंबर में 6.4 प्रतिशत से बढ़कर अक्टूबर माह 2022 में 7.8 प्रतिशत पर पहुँच गई। एक अनुमान के मुताबिक़ 2022 में भारत की बेरोजगारी दर दिसंबर में बढ़कर 8.3% हो गई।

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2022 में, भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की संयुक्त संपत्ति 800 अरब डॉलर तक पहुँच गई। भारत में अमीर और अमीर होते जा रहे हैं। भारत में सबसे अमीर एक प्रतिशत आबादी के पास अब देश की कुल संपत्ति का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है, जबकि नीचे की आधी आबादी के पास कुल संपत्ति का केवल 3 प्रतिशत हिस्सा है।

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एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल 2023 में भारत चीन को पीछे छोड़ विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा।

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शेष फिर ,,,,,,,,,,,,, 




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