शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023

मुमताज महल

मुमताज महल

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मुमताज महल

फारसी रईस की बेटी

जन्म 27 अप्रैल 1593 को आगरा में

जिज्ञासु, प्रतिभाशाली और संस्कारी महिला

अरबी और फ़ारसी भाषाओं की अच्छी जानकार

कविताओं की रचनाकार

मुमताज ने शाहजहाँ के साथ प्रेम विवाह किया था 30 अप्रैल 1612 को

बहुत से कवि मुमताज की सुंदरता, अनुग्रह और करुणा का वर्णन करते थे

उसने चौदह बच्चे (आठ बेटे और छह बेटियाँ) पैदा किए

जिनमें से सात की जन्म के समय या बहुत कम उम्र में मृत्यु हो गई

उसकी मृत्यु बुरहानपुर में प्रसवोत्तर रक्तस्राव से 17 जून 1631 को हुई।

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मुमताज महल

1628 में बनी साम्राज्ञी मात्र तीन वर्षों के लिए

वह 'मलिका-ए-जहाँ' और 'मलिका-उज़-ज़मानी' थी

शाहजहाँ ने उसे इन उपाधियों से नवाजा था

शाहजहाँ मुमताज महल को सबसे अधिक भत्ता प्रति वर्ष एक लाख रुपये दिया करते थे

मुमताज भी निजी और राज्य के मामलों में शाहजहाँ की करीबी विश्वासपात्र और विश्वसनीय सलाहकार थी।

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मुमताज महल

बेहद दर्दनाक थी उसकी मौत

प्रसव पीड़ा से तड़प-तड़प कर मरी थी वो

अपनी मौत से पहले उसने बादशाह शाहजहाँ से लिए दो वादे -

पहला शादी न करने का

और दूसरा एक ऐसा मकबरा बनवाने का जो अनोखा हो

और इसके कुछ ही देर बाद सुबह होने से पहले मुमताज ने दम तोड़ दिया था।

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मुमताज महल

जब जून 1631 में मरी तो उसके शरीर को अस्थायी रूप से दफनाया गया

ज़ैनाबाद बुरहानपुर में ताप्ती नदी के किनारे एक दीवार वाले खुशी के बगीचे में

और बाद में दिसंबर 1631 में उसके मृत शरीर को एक सुनहरी ताबूत में आगरा ले जाया गया

और वहाँ यमुना नदी के किनारे एक छोटी सी इमारत में दफ़न किया गया

बाद में इसी जगह को मकबरे के रूप में बनवाया गया

जिसे बनवाने में बाइस साल लगे

यही वह मकबरा है जिसे ताजमहल कहते हैं।

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मुमताज महल की याद में बना ताजमहल

पत्थरों में एक बादशाह के प्यार के गर्व का जुनून

यही वह जगह है -

जहाँ बादशाह औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहाँ को

मुमताज़ महल की कब्र के पास दफनाया था।

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मुमताज महल की याद में बना ताजमहल

आज यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।

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मुमताज महल की याद में बना ताजमहल

मुमताज महल और शाहजहाँ का अंतिम विश्राम स्थल है।

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ऐतिहासिक विश्व धरोहर की प्रणेता मुमताज महल को नमन।


- केशव राम सिंघल

27 अप्रैल 2023


मलिका-ए-जहाँ = दुनिया की रानी

मलिका-उज़-ज़मानी = युग की रानी






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