बाद के लिए कुछ भी मत छोड़ो
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बाद में, परीक्षा की तैयारी ठीक से नहीं होती।
बाद में, चाय ठंडी हो जाती है।
बाद में, आपकी रुचि खत्म हो जाती है।
बाद में, दिन रात में बदल जाता है।
बाद में, लोग दूर हो जाते हैं।
बाद में, लोग बड़े हो जाते हैं।
बाद में, लोग बूढ़े हो जाते हैं।
बाद में, जीवन की जरूरतें बदल जाती हैं।
बाद में, समय बीत जाता है।
बाद में, रिश्तों में दूरी आ जाती है।
बाद में, जो कहने का सोचा था, वह अनकहा रह जाता है।
बाद में, हिम्मत जवाब दे देती है।
बाद में, परिस्थितियाँ बदल जाती हैं।
बाद में, सपने अधूरे रह जाते हैं।
बाद में, आप वही इंसान नहीं रहते जो आज हैं।
बाद में, जो आज संभव था, वह असंभव हो जाता है।
बाद में, आपको पछतावा होगा कि जब आपके पास मौका था, तो आपने कुछ नहीं किया।
बाद के लिए कुछ भी मत छोड़ो।
आज जो कदम उठाओगे, वही कल की कहानी लिखेगा।
सादर,
केशव राम सिंघल
समय का प्रतीकात्मक चित्र - साभार NightCafe
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