शनिवार, 9 अगस्त 2008

यह सच है ....

यह सच है ....

यह तो इस गली का मिज़ाज गर्म है,

बातों को इधर-उधर करना उनका कर्म है,

यह ख्वाब की अब बातें नहीं, हकीकत है,

यह सच है - उसने तुम्हे चाहा बहुत है .....

शुभकामनाओं सहित,

केशव सिंघल

कोई टिप्पणी नहीं: