शुक्रवार, 22 अगस्त 2008

कोई एक है …

कोई एक है …
कोई एक है जो रचता वह गीत तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो लिखता वह प्यार तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो गाता वह गान तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो मन उदास केवल तुम्हारे लिए …
कोई एक है …
कोई एक है जो रोता दिन-रात तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो खोया दिन-रात तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो ना सोया दिन-रात तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो करता इंतजार केवल तुम्हारे लिए …
कोई एक है …
कोई एक है जो रखता वह दिल तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो रखता वह मन तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो रखता वह याद तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो रखता वह एहसास केवल तुम्हारे लिए …
कोई एक है …
कोई एक है जो गुनगुनाता हरदम तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो सपने देखता तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो हर बात करता तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो हर सांस लेता केवल तुम्हारे लिए …
कोई एक है …
कोई एक है जो रखता आशा तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो भावना से भरा तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो प्रीत से परिपूर्ण तुम्हारे लिए,
कोई एक है जो देखता राह केवल तुम्हारे लिए …
कोई एक है …
कोई एक है … जो है तुम्हारा ….
शुभकामनाओं के साथ,
केशव सिंघल
नोट: वर्तनी की कुछ ग़लतियों के लिए माफी।

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

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