शुक्रवार, 24 जुलाई 2015

जाने किस उम्मीद में ... #4


जाने किस उम्मीद में ... #4

आईने में जब दिखा बदसूरत चेहरा अपना, फिर भी,
जाने किस उम्मीद में आईने को साफ़ करने लगा मैं !

भूल गया धूल आईने पर नहीं, चेहरे पर है, फिर भी,
जाने किस उम्मीद में आईने को साफ़ करने लगा मैं !
- केशव राम सिंघल

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