विकास की अंधाधुंध दौड़
भारतीय बैंक क़रीब तीन लाख करोड़ का कर्ज़ फंसाए बैठे हैं, जिनमें 40 फीसदी कर्ज़ सिर्फ़ 30 बड़ी कंपनियों पर बकाया है. भारत में बैंक नहीं डूबते क्योंकि सरकार बजट से पैसा देती रही है. (इंडिया टुडे, अंक 15 जुलाई 2015)
हमें ग्रीस (यूनान) से सीखना चाहिए कि विकास के बाद भी एक विकसित देश दिवालिया हो सकता है. हमें विकास की अंधाधुंध दौड़ में शामिल नहीं होना चाहिए, वरन् सतत् विकास (sustainable development) की ओर ध्यान देना चाहिए, ऐसा आर्थिक विकास जो प्राकृतिक संसाधनों की कमी के बिना आयोजित किया जाता है.
- केशव राम सिंघल
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समय-समय पर 'एक नजर यह भी' के अंतर्गत लघु-लेखों के लिए 'अपनी बात' ब्लॉग http://krsinghal.blogspot.in/ देखने का निवेदन है.
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