कुछ लोग दिल में दिमाग रखकर बात करते हैं, फिर भी,
जाने किस उम्मीद में दिमाग में दिल रख सोचता हूँ मैं !
- केशव राम सिंघल
अपनी बात अभिव्यक्त करने का प्रयास, चाहे वे आपके विचारों से भिन्न ही क्यों ना हों .... पाठकों की टिप्पणी का स्वागत है, पर भाषा शालीन हो, इसका निवेदन है .... - केशव राम सिंघल, अजमेर, भारत.
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