हमास और इजरायल के बीच समझौता - शान्ति की ओर एक कदम
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युद्ध और शान्ति का प्रतीकात्मक चित्र साभार NightCafe
आखिरकार मध्यस्थों की लगातार कोशिश के बाद हमास और इजरायल में एक बार फिर समझौता हो गया। यह समझौता 9-10 अक्टूबर 2025 को घोषित हुआ। इसे "ट्रंप प्लान" भी कहा जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके दूत (स्टीव विटकॉफ, जेरेड कुश्नर) ने मध्यस्थता में प्रमुख भूमिका निभाई। यह समझौता गाजा में दो वर्ष पुराने युद्ध को समाप्त करने की कोशिशों का पहला चरण है। यह बहु-चरणीय प्रक्रिया पर आधारित है, जिसमें बंधक-कैदी विनिमय, युद्धविराम और पुनर्निर्माण शामिल हैं। इस समझौते के मुख्य प्रावधान निम्न हैं -
- गाजा में तत्काल युद्धविराम लागू होगा। इजरायली सेना गाजा से आंशिक रूप से पीछे हटेगी, विशेष रूप से गाजा सिटी के आसपास के क्षेत्रों से, लेकिन पूरी तरह से गाजा छोड़ने की बजाय बफर जोन पर रहेगी। बफर जोन की सटीक सीमाएँ अभी अस्पष्ट हैं और पहले चरण के कार्यान्वयन के दौरान तय होंगी।
- हमास 7 अक्टूबर 2023 के हमले में पकड़े गए सभी 48 बंधकों (जिनमें अब 20 जीवित और 28 मृत हैं) की रिहाई करेगा। जीवित बंधकों, जिनमें ज्यादातर युवा इजरायली सैनिक हैं, की रिहाई 72 घंटों के भीतर शुरू होगी। बदले में, इजरायल लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, जिसमें सभी फिलिस्तीनी महिलाएँ और बच्चे, 250 लंबी सजा काट रहे कैदी, और युद्ध शुरू होने के बाद गिरफ्तार लगभग 1,750 लोग शामिल हैं। रिहाई प्रक्रिया "चरणबद्ध" होगी। सभी बंधक और कैदी एक साथ रिहा नहीं होंगे।
- गाजा में भोजन, दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाई जाएगी। इसके लिए रफाह बॉर्डर क्रॉसिंग (Rafah Crossing) खोला जाएगा, जिससे मिस्र के साथ गाजा का आवागमन आसान हो सकेगा। क्रॉसिंग का संचालन यूरोपीय संघ (EU) और फिलिस्तीनी अथॉरिटी (PA) की निगरानी में होगा। गाजा में घरों, सड़कों, जल और बिजली प्रणालियों का पुनर्निर्माण होगा। रफाह बॉर्डर क्रॉसिंग (Rafah Crossing) गाजा पट्टी और मिस्र के बीच एकमात्र सीमा पार करने वाला प्रमुख मार्ग है। मानवीय सहायता (भोजन, दवाएँ, ईंधन, चिकित्सा सामग्री) के ट्रकों को बिना बाधा के मिस्र से गाजा में प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी। ऐसा विश्वास किया जाता है कि प्रारंभिक चरण में प्रतिदिन लगभग 600 ट्रक सहायता पहुँचा सकते हैं। घायल, बीमार या अन्य जरूरतमंद फिलिस्तीनियों को मिस्र की ओर जाने की अनुमति, जिसमें पैदल यात्री मार्ग भी शामिल है। यह 20 लाख से अधिक विस्थापित फिलिस्तीनियों के लिए राहत का काम करेगा। रफाह क्रॉसिंग को 14 अक्टूबर 2025 से पैदल मार्ग के साथ फिर से खोलने की योजना है।
- जैसे गाजा से इजरायली सैनिकों के हटने का प्रावधान समझौते में है,उसी प्रकार हमास को गाजा में अपना सैन्य हथियारबंदी करनी होगी और लगभग दो दशकों से चली आ रही शासन व्यवस्था छोड़नी होगी। "योग्य फिलिस्तीनियों और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों" की एक संक्रमणकालीन शासन समिति बनेगी, जिसकी निगरानी "पीस बोर्ड" करेगा, जिसके अध्यक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप होंगे। इसमें फिलिस्तीनी स्व-निर्धारण और गाजा के लिए दो-राज्य समाधान की "विश्वसनीय राह" का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
यह समझौते के अनुसार की जाने वाली प्रक्रिया का पहला चरण है, जो कई हफ्तों-महीनों तक चलेगा। बाद के चरणों में पूर्ण सैन्य वापसी, निरस्त्रीकरण और पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पुनर्निर्माण की अनुमानित लागत 50 बिलियन डॉलर है और यह 4-5 वर्षों में होगा। फंडिंग में अनेक देश योगदान देंगे। कई देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान में फंडिंग तथा पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्धता जताई है। एक फंडिंग तंत्र स्थापित किया जाएगा। यह GREAT (Gaza Reconstitution, Economic Acceleration and Transformation) ट्रस्ट पर आधारित होगा, जो बहुपक्षीय दान, ऋण तथा निवेश के माध्यम से संसाधन जुटाएगा। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2025 के लिए 4 बिलियन डॉलर की अपील की है (जिसका 28% फंडिंग हो गया है), यूरोपीय संघ (EU) तथा अन्य देश (जैसे अमेरिका, इटली, जापान आदि) भी सहयोग देंगे। फंडिंग में सऊदी अरब, यूएई, कतर, और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख योगदानकर्ता शामिल होंगे। अमेरिका शान्ति ओर पुनर्निर्माण के लिए नेतृत्वकर्ता भूमिका निभाएगा।
बफर जोन गाजा पट्टी के उन क्षेत्रों को संदर्भित करता है, जो इजरायल की सीमा (उत्तरी और पूर्वी गाजा) और गाजा के आंतरिक हिस्सों के बीच एक सीमित, नियंत्रित क्षेत्र के रूप में कार्य करेंगे। यह विशेष रूप से गाजा सिटी के आसपास और फिलाडेल्फी कॉरिडोर (गाजा-मिस्र सीमा) के निकट केंद्रित होगा। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ इजरायली सेना (IDF) पूर्ण सैन्य नियंत्रण या गहन ऑपरेशन नहीं करेगी। इसमें सैन्य चौकियाँ, निगरानी उपकरण, और सीमित गश्ती दल शामिल हो सकते हैं।
इजरायल का मानना है कि बफर जोन हमास के राकेट हमलों, सुरंगों के निर्माण, या सीमा पार हमलों को रोकने के लिए आवश्यक है। 7 अक्टूबर 2023 के हमास के हमले के बाद, जिसमें 1,200 इजरायली मारे गए थे। इजरायल इस तरह सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है। बफर जोन में ड्रोन, सेंसर, और सैन्य टावरों का उपयोग किया जाएगा ताकि गाजा से इजरायल की ओर किसी भी गतिविधि पर नजर रखी जा सके। समझौते के अनुसार, हमास को सैन्य हथियारबंदी करनी होगी। बफर जोन यह सुनिश्चित करेगा कि हथियारों का पुनर्गठन न हो। समझौते के तहत, इजरायली सेना को गाजा सिटी और अन्य घनी आबादी वाले क्षेत्रों से हटाना होगा, जहाँ युद्ध के कारण भारी विनाश हुआ। लेकिन इजरायली सेना पूर्ण वापसी की बजाय बफर जोन में तैनात रहेगी।
इस आलेख के लेखक का मानना है कि बफर जोन गाजा के उपयोग योग्य क्षेत्र को और सीमित कर सकता है, क्योंकि युद्ध के कारण गाजा की बहुत सी खेती और आवासीय भूमि नष्ट हो गई है। यह फिलिस्तीनियों के लिए आवागमन और पुनर्निर्माण को जटिल बना सकता है। हालाँकि यह जोन इजरायल को मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक सुरक्षा प्रदान करता है, फिर भी फिलिस्तीनी पक्ष गाजा में इजरायली सेना की उपस्थिति को "इजरायली कब्जे का विस्तार" मान सकता है। रफाह क्रॉसिंग के खुलने के बावजूद, बफर जोन में सैन्य उपस्थिति मानवीय सहायता वितरण की निगरानी को प्रभावित कर सकती है, हालाँकि समझौते में मानवीय सहायता को "बिना बाधा" सुनिश्चित करने का वादा किया गया है।
मिस्र के शर्म एल-शेख में अनेक वार्ताएँ हुईं, जो मध्यस्थता का एक महत्वपूर्ण स्थान था। यह समझौता अनेक अप्रत्यक्ष वार्ताओं के कारण हुआ, जिसमें मुख्य मध्यस्थ निम्न रहे -
- संयुक्त राज्य अमेरिका - राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में, जिसमें उनके मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ और दामाद जेरेड कुश्नर प्रमुख भूमिका निभा रहे। अमेरिका ने युद्ध समाप्ति की गारंटी दी।
- मिस्र, कतर और तुर्की - अरब मध्यस्थों ने वार्ताओं की मेजबानी की और मानवीय प्रावधानों को समझौते में शामिल करने पर ध्यान दिया।
इजरायल और फिलीस्तीन के बीच विवाद बहुत पहले से है और 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर अचानक हमला कर दिया था, जिसके कारण हमास और इजरायल के बीच लगातार युद्ध चल रहा था। इस हमले में लगभग 1,200 इजरायली (ज्यादातर नागरिक) मारे गए थे। इजरायल की जवाबी कार्रवाई में 67,000 से अधिक फिलिस्तीनी, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ज्यादातर महिलाएँ और बच्चे मारे गए, गाजा के अधिकांश घर-स्कूल-अस्पताल नष्ट हो गए, और 20 लाख से अधिक फिलीस्तीनी विस्थापित हुए। इस समझौते से पहले नवंबर 2023 और जनवरी 2025 में अस्थायी युद्धविराम हुए थे, जो टूट गए। इजरायल ने गाजा में हमास को कमजोर किया, नागरिक हताहतों के कारण गाजा के नागरिकों ने अंतरराष्ट्रीय अलगाव और काफी दुःख झेला।
हालाँकि इजरायल कैबिनेट ने समझौते का पहला चरण मंजूर किया, लेकिन दक्षिणपंथी मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच ने कैदियों की रिहाई पर आपत्ति जताई है। हमास नेता महमूद मरदावी ने इसे "फिलिस्तीनी दृढ़ता की जीत" बताया। दोनों पक्षों में उत्साह है, लेकिन समझौते की सफलता की कोई गारंटी नहीं है। पहले हुए समझौते भी टूट गए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप मिस्र और इजरायल की यात्रा करेंगे और इजरायल संसद को संबोधित करेंगे। पिछले समझौतों के टूटने के इतिहास को देखते हुए इस आलेख के लेखक का मानना है कि इस समझौते के टूटने का खतरा लगातार बना हुआ है। भविष्य के गर्भ में क्या है, यह तो आने वाले समय में ही पता चल सकेगा। फिर भी यह समझौता शांति और मानवीय राहत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जिससे गाजा में युद्ध के कारण उत्पन्न मानवीय संकट कम होगा। आशा की जानी चाहिए कि दोनों पक्ष शान्ति की और बढे और स्थाई समाधान निकले।
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सादर,
केशव राम सिंघल
