सोमवार, 5 सितंबर 2022

कथा-श्रृंखला - हमारी अम्मा और पड़ौस की चाची की चौपाल - 5

कथा-श्रृंखला - हमारी अम्मा और पड़ौस की चाची की चौपाल

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लेखक - केशव राम सिंघल

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हमारे मोहल्ले में एक ईसाई परिवार भी रहता है। आज की मीटिंग उनके घर पर रही। आज की बातचीत में चाची ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के पाँच स्थायी सदस्यों में से चार सदस्यों संयुक्त राज्य अमेरिका, रूसी संघ, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम ने स्थायी सीट के लिए भारत की सदस्यता का समर्थन किया है। सरकार ने लोकसभा के मॉनसून सत्र के दौरान यह जानकारी दी। चीन को छोड़कर, अन्य सभी स्थाई सदस्य देशों ने भारत की सदस्यता का समर्थन किया है।

 

अम्मा जी ने बताया - हमारा लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर हमारी बात को महत्त्व दिए जाने की जरुरत है। ऐसे में भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थाई सदस्यता मिलनी चाहिए, पर ये चीन है कि हर बार भारत के मामले पर अड़ंगा लगा ही देता है। कश्मीर के मामले पर चीन का रवैया ठीक नहीं है।

 

चाची ने अम्मा जी के बात का समर्थन करते हुए कहा - अम्मा जी आप सही कहती हो, चीन की वजह से हमारे देश को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थाई सदस्यता नहीं मिल पाती है।

 

फिर बात बदलते हुए कहा - आज मैं आपको भारतीय राजनीति की एक विशेष बात बताना चाहती हूँ। यह विशेष बात गांधी परिवार के लिए कांग्रेसियों में जनून को लेकर है। अगर आपकी सहमति हो तो बताऊँ।

 

उपस्थित सभी लोगों ने सहमति में अपना सिर हिलाया तो चाची ने कहना चालू किया।

 

चाची - गांधी परिवार के लिए कांग्रेसियों में गजब का जनून है और यह जूनून कोई नई बात नहीं है। इस जुनून में समर्पण है, चाटुकारिता है, महत्वाकांक्षाएँ हैं, ध्यान खींचने के लिए ड्रामा भी है। कभी कोई काँग्रेसी कार्यकर्ता गांधी परिवार के लिए खुदकुशी करने का हाई वोल्टेज ड्रामा कर देता है तो कभी कोई विमान अपहरण कर लेता है। 19 दिसंबर 1978 की एक घटना है। तत्कालीन मोरारजी देसाई की सरकार के समय संसद में स्पीकर के आदेश पर इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया था। देशभर में कांग्रेसी कार्यकर्ता सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन करने लगे। लेकिन तब यूथ काँग्रेस के दो कार्यकर्ताओं ने तो 20 दिसंबर 1978 को विमान अपहरण ही कर दिया। इस विमान अपहरण में मजेदार बात यह थी कि जिस बंदूक और बम को दिखाकर विमान का अपहरण किया गया था वो तो असल में टॉय गन (खिलोने वाली बंदूक) और क्रिकेट की गेंद थी।

 

अम्मा - अरे वाह, खिलोने की बंदूक और क्रिकेट की गेंद से विमान का अपहरण कर लिया।

 

चाची - हाँ, अम्मा, खिलोने की बंदूक और क्रिकेट की गेंद से विमान का अपहरण कर लिया। एक बात और बताती हूँ। 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुआई में यूपीए ने जीत हासिल की थी। कांग्रेसियों में उत्साह का माहौल था। 18 मई 2014 को सोनिया गांधी ने विनम्रता से प्रधानमंत्री पद लेने की घोषणा की। बहुत से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और कांग्रेस सांसदों ने सोनिया से अपना फैसला बदलने की माँग की, पर उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला। फैसले से आहत कानपुर में तीन काँग्रेस कार्यकर्ताओं ने आत्मदाह की कोशिश की। सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ के बाहर एक बहुत ही नाटकीय दृश्य दिखा। एक व्यक्ति कार के ऊपर चढ़कर पिस्तौल लहराने लगा। अपनी कनपटी पर पिस्तौल सटाकर कहने लगा कि अगर सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार नहीं होती हैं तो खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर लेगा।

 


सभी चाची की बात ध्यान से सुन रहे थे। चाची ने बोलना जारी रखा।

 

चाची ने बताया - 2014 के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की करारी हार हुई। राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिकता के आधार पर अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की। उन्होंने ट्विटर पर कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उनकी घोषणा के थोड़ी ही देर बाद दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर के बाहर एक व्यक्ति रस्सी लेकर एक पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करने लगा। कहने लगा कि अगर राहुल गांधी इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो वह पेड़ से लटककर खुदकुशी कर लेगा। वहाँ मौजूद पुलिसकर्मी और कुछ लोगों ने उस कार्यकर्ता को पेड़ पर चढ़ने से रोके रखा, फिर पुलिस उस व्यक्ति को वहाँ से ले गई। उसके बाद  वहाँ मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ता 'राहुल गांधी जिंदाबाद' का नारा लगाने लगे। आपने सुना ही होगा कि हाल ही में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए। कर्नाटक से कांग्रेस के एक विधायक ने बृहस्पतिवार 21 जुलाई 2022 को कहा कि "पार्टी के नेताओं ने जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के नाम पर इतनी दौलत एकत्र कर ली है जो तीन-चार पुश्तों तक चलेगी। अगर हम आज बलिदान नहीं देंगे तो भविष्य में हमारा खाना सड़ेगा।साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को छोटे-छोटे मुद्दे छोड़कर कांग्रेस और सोनिया गांधी को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए। सोनिया गांधी को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने के विरोध में कांग्रेस की ओर से शहर में किये गए प्रदर्शन के दौरान कुमार ने यह बयान दिया जो वायरल हो गया।

 

अम्मा जी बीच में बोल ही पड़ी - यह विधायक तो सभी के सामने घोषणा कर रहा है कि कांग्रेस राज में कांग्रेसियों ने खूब दौलत इकट्ठी की है। तभी तो कांग्रेस को जनता ने सत्ता से बाहर कर दिया।

 

चाची ने कहा - राज किसी का भी हो, पैसा बनाने में कोई पीछे नहीं है। अब तो हजारों-करोड़ों रुपये के विकास कार्य होते हैं। एक ही विकास कार्य से इतना पैसा कमीशन से मिल जाए कि आने वाली पुश्तों को भी कम पड़े।

 


अम्मा गंभीरता से अपनी बात कहने लगीं - कुछ लोग गांधी परिवार को बहुत मानते हैं और उनके लिए बहुत कुछ कहने और करने को तैयार दिखते हैं, पर देश में ऐसे भी बहुत से लोग हैं जो गांधी परिवार के परिवारवाद को नहीं चाहते। वे लोग विधायक द्वारा दिए बयान को बार-बार दोहराएंगे। हर जगह, हर पार्टी में कुछ भ्रष्ट नेता होते हैं, पर सभी भ्रष्ट होते हैं ऐसा सही नहीं है। कांग्रेस के राज में भी बहुत सा अच्छा काम भी हुआ है। 2014 से पहले  कांग्रेस की छवि इतनी बिगड़ गई थी कि लोकसभा और कई राज्यों में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस बुरी तरह हारी। आज देश में विपक्ष बहुत ही कमजोर हालत में है। कांग्रेस  भी कमजोर होती जा रही है। बहुत से नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं। अच्छे जनतंत्र में विपक्ष की भूमिका बहुत जरूरी है और इसलिए कांग्रेस का मजबूत होना समय की माँग है।

 

जिनके घर आज की मीटिंग रखी गई, उन्होंने बताया कि थोड़ी देर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्र के नाम अपना आख़िरी सन्देश देंगे, इसलिए वे अब टीवी खोल रही हैं ताकि सभी उनका सम्बोधन सुन सके। सभी ने राष्टपति का सम्बोधन सुना और साथ ही अल्पाहार भी किया। इस तरह आज की अम्मा जी और चाची की चौपाल समाप्त हुई।

 

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कल्पना और तथ्यों के घालमेल से लिखी यह कथा-श्रृंखला रुचिकर लगेगी, ऐसा मेरा विश्वास है।

 

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